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October 2020

रंजना मिश्र की रचनाएँ

अंजुम के लिए (१) कितने दिनों से याद नहीं आया गली के मोड़ पर खड़ा वह शोहदा सायकिल पर टिककर जो मुझे देख गाने गाया… Read More »रंजना मिश्र की रचनाएँ

रंजना भाटिया की रचनाएँ

प्यासी है नदिया ख़ुद और प्यासा ही पानी है सुख -दुख के दो किनारों से सजी यह जिदंगानी है हर मोड़ पर मिल रही यहाँ… Read More »रंजना भाटिया की रचनाएँ

रंजना जायसवाल की रचनाएँ

आकांक्षा  स्त्री निचोड़ देती है बूँद-बूँद रक्त फिर भी हरे नहीं होते उसके सपने। जब मैं स्त्री हूँ (कविता)  मैं स्त्री हूँ और जब मैं… Read More »रंजना जायसवाल की रचनाएँ