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November 2020

ज़फ़र’ मुरादाबादी की रचनाएँ

बढ़े कुछ और किसी इल्तिजा से कम न हुए ‎ बढ़े कुछ और किसी इल्तिजा से कम न हुए मेरी हरीफ़ तुम्हारी दुआ से कम… Read More »ज़फ़र’ मुरादाबादी की रचनाएँ

‘ज़फ़र’ इक़बाल की रचनाएँ

अभी आखें खुली हैं और क्या क्या अभी आखें खुली हैं और क्या क्या देखने को मुझे पागल किया उस ने तमाशा देखने को वो… Read More »‘ज़फ़र’ इक़बाल की रचनाएँ

माखनलाल चतुर्वेदी की रचनाएँ

एक तुम हो गगन पर दो सितारे: एक तुम हो, धरा पर दो चरण हैं: एक तुम हो, ‘त्रिवेणी’ दो नदी हैं! एक तुम हो,… Read More »माखनलाल चतुर्वेदी की रचनाएँ

महेश सन्तोषी की रचनाएँ

इन्कलाब के मायने तक भूल गये लोग किधर गयीं वे बस्तियाँ, वे शहर, वे लोग? अब तो इन्कलाब के माइने तक भूल गये लोग? ये… Read More »महेश सन्तोषी की रचनाएँ

महेश सन्तुष्टकी रचनाएँ

भाषा मैंने भोंकने वाले जानवरों की भाषा में एक ही लय देखी है। और देखा है चिन्तकों को मूक भाषा में बातें करते। मैंने घरों… Read More »महेश सन्तुष्टकी रचनाएँ

महेश वर्मा की रचनाएँ

चेहरा पता नहीं तुम कितने अन्तिम संस्कारों में शामिल हुए कितनी लाशें देखी लेकिन फिर ज़ोर देता हॅूँ इस पर कि मृत्यु इंसान का चेहरा… Read More »महेश वर्मा की रचनाएँ

महेश मनमीत की रचनाएँ

दोहे-1 बँटवारे का मामला, पहुँचा जब तहसील। अपने से लगने लगे, मुंशी और वकील॥ संगत पर मुझको दिखा, जब दुनियावी रंग। मैं दुनिया में आ… Read More »महेश मनमीत की रचनाएँ

महेश चंद्र पुनेठा की रचनाएँ

ट्राइबल हेरिटेज म्यूजियम वहाँ नहीं है कोई राजा-रानी का रंगमहल जादुई आईना रत्न जड़ित राजसिंहासन पालना न कोई भारी-भरकम तलवार-ठाल-बरछी न बन्दूक-तोप-बख़्तरबन्द न किसी राजा… Read More »महेश चंद्र पुनेठा की रचनाएँ

महेश चंद्र ‘नक्श’की रचनाएँ

फ़ाएदा क्या तुम्हें सुनाने का ‎ फ़ाएदा क्या तुम्हें सुनाने का मौत उनवाँ है इस फ़साने का हम भी अपने नहीं रहे ऐ दिल किस… Read More »महेश चंद्र ‘नक्श’की रचनाएँ

महेश चंद्र द्विवेदी की रचनाएँ

अन्यों से विशेष मैं अन्यों से विशेष हूं? मैं जानता हूं कि जिस दिन मैं इस संसार में जन्मा था, वह न तो कोई दिवस-विशेष… Read More »महेश चंद्र द्विवेदी की रचनाएँ