Skip to content

November 2020

रघुवीर सहाय की रचनाएँ

पहले बदलो उसने पहले मेरा हाल पूछा फिर एकाएक विषय बदलकर कहा आजकल का समाज देखते हुए मैं चाहता हूँ कि तुम बदलो फिर कहा… Read More »रघुवीर सहाय की रचनाएँ

रघुविन्द्र यादव की रचनाएँ

रघुविन्द्र यादव के दोहे-1 नैतिकता ईमान से, वक़्त गया है रूठ। सनद माँगता सत्य से, कुर्सी चढ़ कर झूठ॥ लगते हैं सद्भाव को, अनगिन गहरे… Read More »रघुविन्द्र यादव की रचनाएँ

रघुवंश मणि की रचनाएँ

पुराने अध्यापक अध्यापकों से हाथ मिलाते समय अनिश्चय-सा छा जाता है एकाएक हिल जाता है मन सिर ऊँचा नहीं हो पाता अपने बढ़ने के अहसास… Read More »रघुवंश मणि की रचनाएँ

रघुनाथ शांडिल्य की रचनाएँ

चन्दन चौकी बिछा लई, लिया शील गर्म सा पाणी प. लख्मीचंद सांग करने हेतु एक बार गांव बधौली-उ.प. के स्कूल में गए हुए थे, जो… Read More »रघुनाथ शांडिल्य की रचनाएँ

रघुनंदन शर्मा की रचनाएँ

ढम ढमा ढम  डम-डमा डम-डम! खेलें-कूदें हम, डम-डमा डम-डम! ढोल बजाएँ हम, झम-झमा झम-झम! नाचें-कूदें हम, ढम-ढमा ढम-ढम! -प्रकाशन: शिशु, 1929