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January 2021

भालचंद्र सेठिया की रचनाएँ

हम तो हैं हैरान सब कहते हैं प्यारा बचपन, हम तो हैं बेहद हैरान, पापा कहते बड़ा आलसी, मम्मी कहती हैं शैतान। पानी चाय पहुँचना… Read More »भालचंद्र सेठिया की रचनाएँ

भारतेन्दु प्रताप सिंह की रचनाएँ

एकालाप गैस चेंबर द्वितीय विश्वयुद्ध में या हिटलर का प्रथम प्रयोग नहीं था, शुरुआत तो तभी हो गयी, जब जंगली रास्तों पर छुपे हुए फंदे… Read More »भारतेन्दु प्रताप सिंह की रचनाएँ

भारतेन्दु मिश्र की रचनाएँ

गुजरिया रह-रह घबराता है अब मोरा जिया चलो चलें गोदना गोदाएँ पिया। हाथों मे हाथ लिए मेले मे साथ चलें मैं सब कुछ हार चुकी… Read More »भारतेन्दु मिश्र की रचनाएँ

भारतेंदु हरिश्चंद्र की रचनाएँ

रोअहूं सब मिलिकै रोअहू सब मिलिकै आवहु भारत भाई। हा हा! भारतदुर्दशा न देखी जाई॥ धु्रव॥ सबके पहिले जेहि ईश्वर धन बल दीनो। सबके पहिले… Read More »भारतेंदु हरिश्चंद्र की रचनाएँ

भारती पंडित की रचनाएँ

माँ तुम जो चल पडी अनंत यात्रा के पथ पर सुगंध विहीन हो गए गुलाब सारे विलीन हो गई पाजेब की झनकार और मूक हो… Read More »भारती पंडित की रचनाएँ

भारतरत्न भार्गव की रचनाएँ

छतरी वह बैठी दुबकी कोने में पैबन्द लगी काली सी बूढ़ी याद पिता की टूटी छतरी। डर लगता छूते झरझरा कर गिर पड़ने का पुराने… Read More »भारतरत्न भार्गव की रचनाएँ

भारत यायावर की रचनाएँ

यह दुनिया मूर्ख ज्ञान को मुफ़्त में बाँटते रहते हैं लोग उनसे दूर भागते रहते हैं बनिए ज्ञान को बेचकर अपना धन्धा चलाते हैं मालामाल… Read More »भारत यायावर की रचनाएँ

भारत भूषण की रचनाएँ

यह तो कहो किसके हुए आधी उमर करके धुआँ यह तो कहो किसके हुए परिवार के या प्यार के या गीत के या देश के… Read More »भारत भूषण की रचनाएँ

भारत भूषण अग्रवाल की रचनाएँ

अहिंसा खाना खा कर कमरे में बिस्तर पर लेटा सोच रहा था मैं मन ही मन: ‘हिटलर बेटा’ बड़ा मूर्ख है, जो लड़ता है तुच्छ-क्षुद्र… Read More »भारत भूषण अग्रवाल की रचनाएँ

भारतभूषण पंत की रचनाएँ

कब तलक चलना है यूँ ही हम-सफ़र से बात कर कब तलक चलना है यूँ ही हम-सफ़र से बात कर मंज़िलें कब तक मिलेंगी रहगुज़र… Read More »भारतभूषण पंत की रचनाएँ