आशा पतझड़ की सूनी शाखों को नित है हरियाली की आशा, फिर से मानवता लौटेगी जोह रहा पथ "पथिक" उदासा|…
मर्यादा का मुखौटा ये क्या है, जो मानता नहीं समझता नहीं समझना चाहता नहीं कुछ कहता नहीं कुछ कहना चाहता…
तुम को रोना है तो महफ़िल न सजा कर रोना तुमको रोना है तो महफ़िल न सजा कर रोना दिल…
गीत की कुछ पंक्तियाँ पढ़ें वेदना औ ' हर्ष की अभिव्यक्तियाँ गढ़ें आओ मीत गीत की कुछ पंक्तियाँ पढ़ें सिंह…