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उमा अर्पिता की रचनाएँ

कुछ नहीं बदलेगा कभी-कभी मन के भीतर घनचक्कर की तरह घूमता है एक सवाल — आज की रात मैं सोऊँ, और सोई ही रह जाऊँ,… Read More »उमा अर्पिता की रचनाएँ

उबैदुल्लाह ‘अलीम’ की रचनाएँ

मैं किसके नाम लिखूँ, जो अलम गुज़र रहे हैं मैं किसके नाम लिखूँ, जो अलम गुज़र रहे हैं मेरे शहर जल रहे हैं, मेरे लोग… Read More »उबैदुल्लाह ‘अलीम’ की रचनाएँ

उपेन्द्र कुमार की रचनाएँ

ये जो दर्द है अपने सीने में, ये नया भी है, ये अजीब भी  ये जो दर्द है अपने सीने में, ये नया भी है,… Read More »उपेन्द्र कुमार की रचनाएँ

उपासना झा की रचनाएँ

बनारस क्या शहर है बस  1. उगते सूर्य को अर्घ्य देकर ही विदा होती है अरुंधति कालभैरव की आरती करती है अनवरत जलती चिताएं उसी… Read More »उपासना झा की रचनाएँ

बदरीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन’ की रचनाएँ

दुर्दशा दत्तापुर श्रीपति कृपा प्रभाव, सुखी बहु दिवस निरन्तर। निरत बिबिध व्यापार, होय गुरु काजनि तत्पर॥१॥ बहु नगरनि धन, जन कृत्रिम सोभा परिपूरित। बहु ग्रामनि… Read More »बदरीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन’ की रचनाएँ

उद्‌भ्रान्त की रचनाएँ

बहुत दिनों बाद बहुत दिनों बाद एक गीत लिखा है लेकिन यह गीत नहीं पिछले गीतों जैसा इसमें रोमांटिकता नहीं है सच ! इसमें भावुकता नहीं… Read More »उद्‌भ्रान्त की रचनाएँ

उदयशंकर भट्ट की रचनाएँ

मैं चलता ‘मैं चलता मेरे साथ नया सावन चलता है, मैं चलता मेरे साथ नया जीवन चलता है। उत्थान पतन-कंदुक पर मैं गिरता और उछलता,… Read More »उदयशंकर भट्ट की रचनाएँ

उदयभानु ‘हंस’ की रचनाएँ

बैठे हों जब वो पास बैठे हों जब वो पास, ख़ुदा ख़ैर करे फिर भी हो दिल उदास, ख़ुदा ख़ैर करे। मैं दुश्मनों से बच… Read More »उदयभानु ‘हंस’ की रचनाएँ

उदयप्रताप सिंह की रचनाएँ

फूल और कली  फूल से बोली कली क्यों व्यस्त मुरझाने में है फ़ायदा क्या गंध औ मकरंद बिखराने में है तूने अपनी उम्र क्यों वातावरण… Read More »उदयप्रताप सिंह की रचनाएँ

उदयन वाजपेयी की रचनाएँ

कटोरे में अंगार होली की आग में माँ मुझे गेहूँ की बालें भूनने को कहती हैं। चौराहे पर जलती ढेरों लकड़ियों की सुनहली आभा पास… Read More »उदयन वाजपेयी की रचनाएँ