Skip to content

भगवत दुबे की रचनाएँ

आप बड़े हैं आप निगलते सूर्य समूचा अपने मुँह मिट्ठू बनते हैं, हमने माना आप बड़े हैं! पुरखों की उर्वरा भूमि से यश की फसल… Read More »भगवत दुबे की रचनाएँ

भँजन की रचनाएँ

अंबर बीच पयोधर देखिकै अंबर बीच पयोधर देखिकै कौन को धीरज सोँ न गयो है । भँजनजू नदिया यह रूप की नाव नहीँ रविहू अथयो… Read More »भँजन की रचनाएँ

भगवती प्रसाद द्विवेदी की रचनाएँ

दरक गइल दरपन सूख गइल सरिता उमंग के, कुम्हिला गइल सुमन, कहाँ निरेखीं आपन सूरत, दरक गइल दरपन। अँगना में तुलसी के बिरवा परल घवाइल… Read More »भगवती प्रसाद द्विवेदी की रचनाएँ