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मंजुला वीर देव की रचनाएँ

कौन फूलों को किसने सिखलाया मधुर-मधुर मुस्काना? कोयल को किसने सिखलाया मीठा-मीठा गाना? कौन सूर्य को चमकाकर हरता जग का अंधियारा? कौन रात को भर… Read More »मंजुला वीर देव की रचनाएँ

मंजरी श्रीवास्तव की रचनाएँ

कृष्णन के लिए प्रेम कविताएँ १. तुम्हारे साथ मैं अपने स्त्रीत्व के सर्वश्रेष्ठ रूप में होती हूँ हमारे सामीप्य और स्पर्श की मुखरता शब्दों की… Read More »मंजरी श्रीवास्तव की रचनाएँ

मंगलेश डबराल की रचनाएँ

अन्तराल हरा पहाड़ रात में सिरहाने खड़ा हो जाता है शिखरों से टकराती हुई तुम्हारी आवाज़ सीलन-भरी घाटी में गिरती है और बीतते दॄश्यों की… Read More »मंगलेश डबराल की रचनाएँ

मंगरूराम मिश्र की रचनाएँ

खिलौने वाला बाबूराम खिलौने वाला, नए खिलौने लाया लाला! चाहे ले लो गुड़िया-गुड्डा, चाहे ले लो बुढ़िया-बुड्ढा, चाहे ले लो बंदर काला! ले लो टाइप… Read More »मंगरूराम मिश्र की रचनाएँ

मंगत बादल की रचनाएँ

रेत री पुकार (कविता) थे कदी सुणी है- रेत री पुकार तिस मरती रेत री पाणी जठै एक सोवणो सुपनो है हारी-थाकी आंख्यां रो ।… Read More »मंगत बादल की रचनाएँ

मंजु लता श्रीवास्तव की रचनाएँ

पतझर पर कोंपल पतझर पर कोंपल संदेश लिख रहे माघ-अधर जीवन उपदेश लिख रहे डाल-डाल तरुवों पर सरगम के मधुर बोल आशा के पंथ नये… Read More »मंजु लता श्रीवास्तव की रचनाएँ