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सरवत ज़ोहरा
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सरवत ज़ोहरा
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सरवत ज़ोहरा की रचनाएँ
बे-तहाशा उसे सोचा जाए बे-तहाशा उसे सोचा जाए ज़ख़्म को और कुरेदा जाए जाने वाले को चले जाना है फिर…
3 months ago