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सुंदरदास की रचनाएँ

तेल जरै बाती जरै, दीपक जरै न कोइ तेल जरै बाती जरै, दीपक जरै न कोइ। दीपक जरताँ सब कहै, भारी अजरज होइ॥ भारी अचरज… Read More »सुंदरदास की रचनाएँ

सीमा सोनी की रचनाएँ

दुख कब बदलते हैं दुख… हर काल और हर युग में एक होती है उनकी भाषा और रंग-रूप कब बदलते हैं दुख… उनके चित्र बदल… Read More »सीमा सोनी की रचनाएँ

सीमा संगसार की रचनाएँ

अछूत तुम फेंक देते हो वह थाली जिसमें मैं झाँकती हूँ अपने अक्स को मेरी परछाइयाँ भी तुम्हें उद्विग्न कर देते हैं… तुम्हारे प्रार्थना घरों… Read More »सीमा संगसार की रचनाएँ

सीमा अग्रवाल की रचनाएँ

सपने दिन के कन्धों पर लटके है वेतालों से सपने मजबूरी है सुननी ही है नित इक नई कहानी घोड़े हाथी की राजा रानी की… Read More »सीमा अग्रवाल की रचनाएँ

सीताराम गुप्त की रचनाएँ

दल बदलू हवाएँ जो पहले लू बन चलती थीं, वे अब बर्फीली कहलाएँ। दल-बदलू हो गई हवाएँ! सिर्फ हवा क्या, मौसम ने ही अब तो… Read More »सीताराम गुप्त की रचनाएँ

सीत मिश्रा की रचनाएँ

अधिकार सरकार का अधिकार है तुम्हारे विचारों पर तुम्हारी चर्चा पर तुम्हारे व्यवसाय पर सरकार का अधिकार है तुम्हारे नाम में तुम्हारे धर्म में तुम्हारी… Read More »सीत मिश्रा की रचनाएँ

सी.बी. भारती की रचनाएँ

सियासत परम्परागत-कलुषित निहित स्वार्थवश निर्मित मकड़जाल तुम्हारी शक्ति और धर्म का अवलम्ब से बढ़ता रहा अन्धविश्वासों का आश्रय ले उसकी शक्ति पली-पुसी बढ़ी शोषण का… Read More »सी.बी. भारती की रचनाएँ

सिराजुद्दीन ज़फर की रचनाएँ

उठो ज़माने के आशोब का इज़ाला करें उठो ज़माने के आशोब का इज़ाला करें ब-नाम-ए-गुल-बदनाँ रूख़ हुए प्याला करें ब-याद-ए-दीदा-ए-मख़्मूर पर प्याला करें उठो कि… Read More »सिराजुद्दीन ज़फर की रचनाएँ

सिराज फ़ैसल ख़ान की रचनाएँ

घोटाले करने की शायद दिल्ली को बीमारी है घोटाले करने की शायद दिल्ली को बीमारी है रपट लिखाने मत जाना तुम ये धंधा सरकारी है… Read More »सिराज फ़ैसल ख़ान की रचनाएँ