मह लक़ा ‘चंदा’ की रचनाएँ
आलम तेरी निगह से है सरशार देखना आलम तेरी निगह से है सरशार देखना मेरी तरफ़ भी टुक तो भला यार देखना नादाँ से… Read More »मह लक़ा ‘चंदा’ की रचनाएँ
आलम तेरी निगह से है सरशार देखना आलम तेरी निगह से है सरशार देखना मेरी तरफ़ भी टुक तो भला यार देखना नादाँ से… Read More »मह लक़ा ‘चंदा’ की रचनाएँ