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‘हसरत’ अज़ीमाबादी

‘हसरत’ अज़ीमाबादी की रचनाएँ

आश्‍ना कब हो है ये ज़िक्र दिल-ए-शाद के साथ आश्‍ना कब हो है ये ज़िक्र दिल-ए-शाद के साथ लब को निस्बत है मिर ज़मज़म-ए-दाद के… Read More »‘हसरत’ अज़ीमाबादी की रचनाएँ