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फ़र्रुख़ ज़ोहरा गीलानी की रचनाएँ

बीते लम्हे कशीद करती हूँ बीते लम्हे कशीद करती हूँ इस तरह जश्न-ए-ईद करती हूँ जब भी जाती हूँ शहर-ए-शीशागराँ कुछ मनाज़िर ख़रीद करती हूँ… Read More »फ़र्रुख़ ज़ोहरा गीलानी की रचनाएँ

फ़रीद खान की रचनाएँ

मेरा ईश्वर मेरा और मेरे ईश्वर का जन्म एक साथ हुआ था । हम घरौन्दे बनाते थे, रेत में हम सुरंग बनाते थे । वह… Read More »फ़रीद खान की रचनाएँ

फ़रीद क़मर की रचनाएँ

हमने समझा था कि बस इक कर्बला है ज़िन्दगी हमने समझा था कि बस इक कर्बला है ज़िन्दगी कर्बलाओं का मुसलसल सिलसिला है ज़िन्दगी एक… Read More »फ़रीद क़मर की रचनाएँ

फ़राग़ रोहवी की रचनाएँ

देखा जो आईना तो मुझे सोचना पड़ा देखा जो आईना तो मुझे सोचना पड़ा ख़ुद से न मिल सका तो मुझे सोचना पड़ा उस का… Read More »फ़राग़ रोहवी की रचनाएँ

फ़रहत शहज़ाद की रचनाएँ

इससे पहले के बात टल जाए  इससे पहले के बात टल जाए आओ एक दौर और चल जाए आँसुओं से भरी हुई आँखें रोशनी जिस… Read More »फ़रहत शहज़ाद की रचनाएँ

फ़रहत कानपुरी की रचनाएँ

आँखों में बसे हो तुम आँखों में अयाँ हो कर आँखों में बसे हो तुम आँखों में अयाँ हो कर दिल ही मे न रह… Read More »फ़रहत कानपुरी की रचनाएँ