हरीश निगम की रचनाएँ
नवगीत-संग्रह होंठ नीले धूप में दुख नदी भर सुख अंजुरि-भर दुख नदी-भर जी रहे दिन-रात सीकर! ढही भीती उड़ी छानी मेह सूखे आँख पानी फड़फड़ाते… Read More »हरीश निगम की रचनाएँ
नवगीत-संग्रह होंठ नीले धूप में दुख नदी भर सुख अंजुरि-भर दुख नदी-भर जी रहे दिन-रात सीकर! ढही भीती उड़ी छानी मेह सूखे आँख पानी फड़फड़ाते… Read More »हरीश निगम की रचनाएँ
Paragraph धुँआ (1) ये कैसे बादल हैंजो बिन मौसम के हैं,ये आसमान में नहीं रहतेरहते हैं, गली कूचों में । इन बादलों सेसूरज की रोशनी… Read More »हरबिन्दर सिंह गिल की रचनाएँ
समय की शिला पर समय की शिला पर मधुर चित्र कितने किसी ने बनाए, किसी ने मिटाए। किसी ने लिखी आँसुओं से कहानी किसी ने… Read More »शंभुनाथ सिंह की रचनाएँ
उलझे धागों को सुलझाना मुश्किल है उलझे धागों को सुलझाना मुश्किल है नफरतवाली आग बुझाना मुश्किल है जिनकी बुनियादें खुदग़र्ज़ी पर होंगी ऐसे रिश्तों का… Read More »शंभुनाथ तिवारीकी रचनाएँ
सड़क कोई कहीं गया था जिस दिन, जन्म लिया था मैंने उस दिन अब भी जहाँ कहीं जो जाता, मुझको अपना साथी पाता! बाजारों में… Read More »शंभुदयाल सक्सेना की रचनाएँ
बच्चे की ज़िद वे कहीं भी रहेंगे तो बोल देंगे उनका होना छिप नहीं सकता किसी रहस्य की तरह किसी जादू की तरह या किसी… Read More »शंकरानंद की रचनाएँ