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Komal Rajeshwari

रफ़ीक़ संदेलवी की रचनाएँ

अजब इक साया-ए-लाहूत में तहलील होगी अजब इक साया-ए-लाहूत में तहलील होगी फ़ुसूल-ए-हश्र से हैअत मिरी तब्दील होगी किए जाएँगे मेरे जिस्म में नूरी इज़ाफ़े… Read More »रफ़ीक़ संदेलवी की रचनाएँ

रफ़ी रज़ा की रचनाएँ

आँख सहमी हुई डरती हुई देखी गई है आँख सहमी हुई डरती हुई देखी गई है अमन की फ़ाख़्ता मरती हुई देखी गई है क्या… Read More »रफ़ी रज़ा की रचनाएँ

रफ़अत सरोश की रचनाएँ

तजस्सुस . बहुत दूर से एक आवाज़ आई मैं, इक ग़ुंचा-ए-ना-शगुफ़्ता हूँ, कोई मुझे गुदगुदाए मैं तख़्लीक़ का नग़्मा-ए-जाँ-फ़ज़ाँ हूँ, मुझे कोई गाए मैं इंसान… Read More »रफ़अत सरोश की रचनाएँ

रत्नावली देवी की रचनाएँ

दोहा / भाग 1 होइ सहज ही हौं कही, लह्यो बोध हिरदेस। हों रतनावली जँचि गई, पिय हिय काँच विसेस।।1।। रतन दैव बस अमृत विष,… Read More »रत्नावली देवी की रचनाएँ

रत्नप्रकाश शील की रचनाएँ

अक्कड़-बक्कड़  अक्कड़-बक्कड़, लाल बुझक्कड़! कितना पानी बीच समंदर, कितना पानी धरती अंदर! आसमान में कितने तारे, वन में पत्ते कितने सारे। दाएँ बाएँ देखें अक्कड़,… Read More »रत्नप्रकाश शील की रचनाएँ

रति सक्सेना की रचनाएँ

ढ़हते दरख्त  दरख्तों को ढहना पसन्द नहीं वे उठते हैं ऊँचे फैलाव के साथ वे फैलते हैं पूरे फैलाव में वे पाँव पसारते हैं पूरी… Read More »रति सक्सेना की रचनाएँ

रतनसिंह किरमोलिया की रचनाएँ

शोर मचाते हम  हंडा-बंडा, मुर्गी अंडा गली-गली में गिल्ली-डंडा शोर मचाते हम! मार-मार डंडे से गिल्ली सैर कराते, उसको दिल्ली धूम मचाते हम! इंशाअल्ला, करके… Read More »रतनसिंह किरमोलिया की रचनाएँ

रतन पंडोरवी की रचनाएँ

अक़्ल वाले क्या समझ सकते हैं दीवाने की बात  अक़्ल वाले क्या समझ सकते हैं दीवाने की बात अहले-गुलशन को कहां मालूम वीराने की बात।… Read More »रतन पंडोरवी की रचनाएँ

रणेन्द्र की रचनाएँअभी तो

. अभी तो अभी तो शब्द सहेजने की कला अर्थ की चमक, ध्वनि का सौंदर्य पंक्तियों में उनकी सही समुचित जगह अष्टावक्र व्याकरण की दुरूह… Read More »रणेन्द्र की रचनाएँअभी तो

रणविजय सिंह सत्यकेतु की रचनाएँ

भाषा एक भाषा प्रेम के, सबकेॅ मिलावै छै ई सबकेॅ बुझावै छै । एक भाषा सहयोग के, सबके काम आवै छै ई सबकेॅ बुझावै छै… Read More »रणविजय सिंह सत्यकेतु की रचनाएँ