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Komal Rajeshwari

रवींद्रनाथ त्यागी की रचनाएँ

जानवरों का मेला जंगल के सब जानवरों ने एक लगाया मेला, पोखर के तट वाला तम्बू बड़ी दूर तक फैला। हाथी लगा समोसे तलने भालू… Read More »रवींद्रनाथ त्यागी की रचनाएँ

रवींद्र ‘शलभ’की रचनाएँ

नाचो-गाओ  ठुमक-ठुमककर, ता-ता-थैया रुन-झुन-झुन-झुन नाचो भैया जैसे नाचें कुँवर कन्हैया! लहर-लहर लहराओ लट्टू बने रहो मत अड़ियल टट्टू, मधुर प्रेरणा तुम फूलों की करो न… Read More »रवींद्र ‘शलभ’की रचनाएँ

रविशंकर मिश्र की रचनाएँ

नज़र लग गयी घायल है, चोट किधर किधर लग गयी, सोने की चिड़िया की फिकर लग गयी। हौसला गज़ब का था गज़ब की उड़ान एक… Read More »रविशंकर मिश्र की रचनाएँ

रविशंकर पाण्डेय की रचनाएँ

जाड़े का सूरज  जाड़े का सूरज कोहरे से झाँक रहा बटन मिर्जई में ज्यों कोई बूढ़ा टाँक रहा सहमे-सहमे पेड़ खड़े हर टहनी काँपे है… Read More »रविशंकर पाण्डेय की रचनाएँ

‘रविश’ सिद्दीक़ी की रचनाएँ

बादा ए गुल को सब अंदोह रूबा कहते हैं बादा ए गुल को सब अंदोह रूबा कहते हैं अश्क ए गुल रंग में ढल जाए… Read More »‘रविश’ सिद्दीक़ी की रचनाएँ

रविन्द्र जैन की रचनाएँ

अँखियों के झरोखों से अँखियों के झरोखों से, मैने देखा जो सांवरे तुम दूर नज़र आए, बड़ी दूर नज़र आए बंद करके झरोखों को, ज़रा… Read More »रविन्द्र जैन की रचनाएँ

रविकान्त की रचनाएँ

प्रेम-1 प्रेम का मतलब है तुम्हारे साथ रहना प्रेम-2 तुम मुझे माफ़ नहीं करतीं पर सारे अपमान पी कर भी मैं तुम्हें मना लेता हूँ।… Read More »रविकान्त की रचनाएँ

रविकांत अनमोल की रचनाएँ

किसी की सोच है बेटे को सिंहासन दिलाना है उसे मस्जिद बनानी है इसे मंदिर बनाना है मुझे बस एक चिंता,कैसे अपना घर चलाना है… Read More »रविकांत अनमोल की रचनाएँ

रविंदर कुमार सोनी की रचनाएँ

सुकूँ से आशना अब तक दिल ए इनसाँ नहीं है  सुकूँ से आशना अब तक दिल ए इनसाँ नहीं है कहूँ क्यूँ कर कि अहसास… Read More »रविंदर कुमार सोनी की रचनाएँ

रवि सिन्हा की रचनाएँ

अब उस फ़लक पे चान्द सजाता है कोई और अब उस फ़लक[1] पे चान्द सजाता है कोई और उनके शहर के नाज़ उठाता है कोई और… Read More »रवि सिन्हा की रचनाएँ