Skip to content

हरीश प्रधान

हरीश प्रधान की रचनाएँ

ओ माँ  वंदन को स्वीकारो पूजन को स्वीकारो अक्षर-अक्षर शब्‍द ब्रह्म है वीणापाणी रूप रम्‍य है वाणी में नव रूप उभारो वन्दन को स्वीकारो। धवल… Read More »हरीश प्रधान की रचनाएँ