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हसरत मोहानी की रचनाएँ

हसरत मोहानी की रचनाएँ

वो जब ये कहते हैं तुझ से ख़ता ज़रूर हुई  वो जब ये कहते हैं तुझ से ख़ता ज़रूर हुई मैं बे-क़सूर भी कह दूँ… Read More »हसरत मोहानी की रचनाएँ