शहपर’ रसूल की रचनाएँ
बे-इंतिहा होना है तो इस ख़ाक के हो जाओ बे-इंतिहा होना है तो इस ख़ाक के हो जाओ इमकाँ की मुसाफ़त करो अफ़लाक के हो… Read More »शहपर’ रसूल की रचनाएँ
बे-इंतिहा होना है तो इस ख़ाक के हो जाओ बे-इंतिहा होना है तो इस ख़ाक के हो जाओ इमकाँ की मुसाफ़त करो अफ़लाक के हो… Read More »शहपर’ रसूल की रचनाएँ