अनिल कार्की की रचनाएँ
पलटनिया पिता-1 फौजी पिता अख़बारों में मिले हमने सीने फुलाए दिखती थी छब्बीस जनवरी को उनकी टुकड़ी दूरदर्शन पर राजपथ की धुन्ध में क़दमताल करती… Read More »अनिल कार्की की रचनाएँ
पलटनिया पिता-1 फौजी पिता अख़बारों में मिले हमने सीने फुलाए दिखती थी छब्बीस जनवरी को उनकी टुकड़ी दूरदर्शन पर राजपथ की धुन्ध में क़दमताल करती… Read More »अनिल कार्की की रचनाएँ