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आधुनिक काल

पंकज चतुर्वेदी की रचनाएँ

जे० एन० यू० पर साम्यवाद का अन्त हो गया अन्त हुआ इतिहास का है यथार्थ बेहद रपटीला सपना है संत्रास का अब तुमसे ही होगा… Read More »पंकज चतुर्वेदी की रचनाएँ

फ़ैसल अजमी की रचनाएँ

अदावतों में जो ख़ल्क़-ए-ख़ुदा लगी हुई है अदावतों में जो ख़ल्क़-ए-ख़ुदा लगी हुई है मोहब्बतों को कोई बद-दुआ लगी हुई है पनाह देती है हम… Read More »फ़ैसल अजमी की रचनाएँ

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की रचनाएँ

आपकी याद आती रही रात भर मख़दूम[1] की याद में-1 “आपकी याद आती रही रात-भर” चाँदनी दिल दुखाती रही रात-भर गाह जलती हुई, गाह बुझती हुई… Read More »फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की रचनाएँ

फ़ुज़ैल जाफ़री की रचनाएँ

चमकते चाँद से चेहरों के मंज़र से निकल आए चमकते चाँद से चेहरों के मंज़र से निकल आए ख़ुदा हाफ़िज़ कहा बोसा लिया घर से… Read More »फ़ुज़ैल जाफ़री की रचनाएँ

फ़िराक़ गोरखपुरी की रचनाएँ

जो बात है हद से बढ़ गयी है जो बात है हद से बढ़ गयी है वाएज़[1] के भी कितनी चढ़ गई है हम तो ये… Read More »फ़िराक़ गोरखपुरी की रचनाएँ

फ़ारूक़ शमीम की रचनाएँ

दर्द के चेहरे बदल जाते हैं क्यूँ दर्द के चेहरे बदल जाते हैं क्यूँ मर्सिए नग़मों में ढल जाते हैं क्यूँ सोच के पैकर नहीं… Read More »फ़ारूक़ शमीम की रचनाएँ

फ़ारूक़ बाँसपारी की रचनाएँ

ब-रोज़-ए-हश्र मिरे साथ दिल-लगी ही तो है ब-रोज़-ए-हश्र मिरे साथ दिल-लगी ही तो है कि जैसे बात कोई आप से छुपी ही तो है न… Read More »फ़ारूक़ बाँसपारी की रचनाएँ

फ़ारूक़ इंजीनियर की रचनाएँ

हर जगह ये आशियाना किस का है हर जगह ये आशियाना किस का है ज़र्रे-ज़र्रे में ठिकाना किस का है शाम को रंगीन किस ने… Read More »फ़ारूक़ इंजीनियर की रचनाएँ

फ़ारिग बुख़ारी की रचनाएँ

देख कर उस हसीन पैकर को देख कर उस हसीन पैकर को नश्शा सा आ गया समुंदर को डोलती डगमगाती सी नाव पी गई आ… Read More »फ़ारिग बुख़ारी की रचनाएँ