अहमद मुश्ताक़ की रचनाएँ
अब मंज़िल-ए-सदा से सफ़र कर अब मंज़िल-ए-सदा से सफ़र कर रहे हैं हम यानी दिल-ए-सुकूत में घर कर रहे हैं हम खोया है कुछ ज़रूर… Read More »अहमद मुश्ताक़ की रचनाएँ
अब मंज़िल-ए-सदा से सफ़र कर अब मंज़िल-ए-सदा से सफ़र कर रहे हैं हम यानी दिल-ए-सुकूत में घर कर रहे हैं हम खोया है कुछ ज़रूर… Read More »अहमद मुश्ताक़ की रचनाएँ