रज़्म रदौलवी की रचनाएँ
फ़िक्रे-अज़ादी को ता-अहसास इमकाँ कीजिए फ़िक्रे-आज़ादी को ता-अहसास इमकाँ कीजिए। दिल से दिल तक बर्क़े-खुद्दारी को जौलाँ कीजिए॥ दामने-गुल में फ़रोज़ां कीजिए आतश-कदा। आग के… Read More »रज़्म रदौलवी की रचनाएँ
फ़िक्रे-अज़ादी को ता-अहसास इमकाँ कीजिए फ़िक्रे-आज़ादी को ता-अहसास इमकाँ कीजिए। दिल से दिल तक बर्क़े-खुद्दारी को जौलाँ कीजिए॥ दामने-गुल में फ़रोज़ां कीजिए आतश-कदा। आग के… Read More »रज़्म रदौलवी की रचनाएँ