श्याम लाल शर्मा की रचनाएँ
विरह-प्रसंग (1-25 दोहे) 1. पीड़ा मन की कत कहूँ, सबद न सूझे कोय । प्रीतम सुधि महँ मन दुखी, चुपके-चुपके रोय ।। 2. तबहिं ते… Read More »श्याम लाल शर्मा की रचनाएँ
विरह-प्रसंग (1-25 दोहे) 1. पीड़ा मन की कत कहूँ, सबद न सूझे कोय । प्रीतम सुधि महँ मन दुखी, चुपके-चुपके रोय ।। 2. तबहिं ते… Read More »श्याम लाल शर्मा की रचनाएँ