अजय जनमेजय की रचनाएँ
रेल चली छुक-छुक रेल चली छुक-छुक,रेल चली छुक-छुक! रेल में थे नाना,साथ लिए खाना।खाना खाया चुप-चुप,रेल चली छुक-छुक! रेल में थी दादी,बिल्कुल सीधी-सादी।देख रही टुक-टुक,रेल… Read More »अजय जनमेजय की रचनाएँ
रेल चली छुक-छुक रेल चली छुक-छुक,रेल चली छुक-छुक! रेल में थे नाना,साथ लिए खाना।खाना खाया चुप-चुप,रेल चली छुक-छुक! रेल में थी दादी,बिल्कुल सीधी-सादी।देख रही टुक-टुक,रेल… Read More »अजय जनमेजय की रचनाएँ