अज़ीज़ लखनवी की रचनाएँ
शेर-1 (1) हिफाजत करने वाले खिरमनों1 के मुतमईन2 बैठें, तजल्ली3 बर्क4 की महदूद5 मेरे आशियाँ तक है। (2) सुरूरे-शब6 की नहीं सुबह का खुमार7 हूँ मैं, निकल चुकी है जो गुलशन से… Read More »अज़ीज़ लखनवी की रचनाएँ
शेर-1 (1) हिफाजत करने वाले खिरमनों1 के मुतमईन2 बैठें, तजल्ली3 बर्क4 की महदूद5 मेरे आशियाँ तक है। (2) सुरूरे-शब6 की नहीं सुबह का खुमार7 हूँ मैं, निकल चुकी है जो गुलशन से… Read More »अज़ीज़ लखनवी की रचनाएँ