‘अज़ीज़’ वारसी की रचनाएँ
आख़िर-ए-शब वो तेरी अँगड़ाई आख़िर-ए-शब वो तेरी अँगड़ाई कहकशाँ भी फलक पे शरमाई आप ने जब तवज्जोह फ़रमाई गुलशन-ए-ज़ीस्त में बहार आई दास्ताँ जब भी… Read More »‘अज़ीज़’ वारसी की रचनाएँ
आख़िर-ए-शब वो तेरी अँगड़ाई आख़िर-ए-शब वो तेरी अँगड़ाई कहकशाँ भी फलक पे शरमाई आप ने जब तवज्जोह फ़रमाई गुलशन-ए-ज़ीस्त में बहार आई दास्ताँ जब भी… Read More »‘अज़ीज़’ वारसी की रचनाएँ