अनिल अनलहातु की रचनाएँ
मानवीय पीड़ा का ज़िगुरत हमारे बहुत पहले उठने केबहुत पहले उठ जाती है,ताकि खलल न पड़ेहमारे आराम देह सपने रहेंसुरक्षित। आधी नींद व विच्छिन्न स्वप्नों… Read More »अनिल अनलहातु की रचनाएँ
मानवीय पीड़ा का ज़िगुरत हमारे बहुत पहले उठने केबहुत पहले उठ जाती है,ताकि खलल न पड़ेहमारे आराम देह सपने रहेंसुरक्षित। आधी नींद व विच्छिन्न स्वप्नों… Read More »अनिल अनलहातु की रचनाएँ