आज़ाद अंसारी की रचनाएँ
फुटकर शे’र तबीयत ही दर्द-आश्ना हो गई। दवा का न करना दवा हो गया॥ यूँ याद आओगे हमें इसला[1] खबर न थी। यूँ भूल जाओगे हमें… Read More »आज़ाद अंसारी की रचनाएँ
फुटकर शे’र तबीयत ही दर्द-आश्ना हो गई। दवा का न करना दवा हो गया॥ यूँ याद आओगे हमें इसला[1] खबर न थी। यूँ भूल जाओगे हमें… Read More »आज़ाद अंसारी की रचनाएँ