आरती मिश्रा की रचनाएँ
आवाज़ दो ढाई बजे रातजब सब सो रहे हैंकुत्ते भीमेरा मन करता हैज़ोर की आवाज़ लगाऊँदसों दिशाओं को कँपा देनेवाली आवाज़चुप्पियों को चीरकर रख देनेवालीचाँद… Read More »आरती मिश्रा की रचनाएँ
आवाज़ दो ढाई बजे रातजब सब सो रहे हैंकुत्ते भीमेरा मन करता हैज़ोर की आवाज़ लगाऊँदसों दिशाओं को कँपा देनेवाली आवाज़चुप्पियों को चीरकर रख देनेवालीचाँद… Read More »आरती मिश्रा की रचनाएँ