ओमप्रकाश सिंहल की रचनाएँ
खिल-खिल जाएँ सारे पत्ते छीन लिये क्यों आज हवा ने पेड़ों के सब सुंदर कपड़े, कहाँ छिपाए उसने कपड़े सारे पेड़ किए बिन कपड़े। जब… Read More »ओमप्रकाश सिंहल की रचनाएँ
खिल-खिल जाएँ सारे पत्ते छीन लिये क्यों आज हवा ने पेड़ों के सब सुंदर कपड़े, कहाँ छिपाए उसने कपड़े सारे पेड़ किए बिन कपड़े। जब… Read More »ओमप्रकाश सिंहल की रचनाएँ