गणेश बिहारी ‘तर्ज़’ की रचनाएँ
दुनिया बनी तो हम्द-ओ-सना बन गई ग़ज़ल दुनिया बनी तो हम्द-ओ-सना बन गई ग़ज़ल उतरा जो नूर, नूर-ए-ख़ुदा बन गई ग़ज़ल गूँजा जो नाद ब्रह्म,… Read More »गणेश बिहारी ‘तर्ज़’ की रचनाएँ
दुनिया बनी तो हम्द-ओ-सना बन गई ग़ज़ल दुनिया बनी तो हम्द-ओ-सना बन गई ग़ज़ल उतरा जो नूर, नूर-ए-ख़ुदा बन गई ग़ज़ल गूँजा जो नाद ब्रह्म,… Read More »गणेश बिहारी ‘तर्ज़’ की रचनाएँ