गिरिजा अरोड़ा की रचनाएँ
गॉड पार्टिकल चलते चलते, उठते बैठते, यूँ ही इधर उधर मिल जाता है अक्सर गॉड पार्टिकल वो बीज बन भूमि में जाता, सूर्य बन रश्मि… Read More »गिरिजा अरोड़ा की रचनाएँ
गॉड पार्टिकल चलते चलते, उठते बैठते, यूँ ही इधर उधर मिल जाता है अक्सर गॉड पार्टिकल वो बीज बन भूमि में जाता, सूर्य बन रश्मि… Read More »गिरिजा अरोड़ा की रचनाएँ
आदमी के पास हो दौलत नहीं आराम है आदमी के पास हो दौलत नहीं आराम है ज़िंदगी में कुछ नहीं फिर ज़िंदगी नाकाम है। वक़्त… Read More »गिरधारी सिंह गहलोत की रचनाएँ
लेकिन कहाँ है जवाब? बातें बेलाग हैं सवाल दो-टूक– कटे हुए जंगल जलती हुई औरतें ख़ाक छानते बच्चे लुरियाते जवाँ-मर्द… रंग हैं पहचाने रौशनी अधुंधली–… Read More »गिरधर राठी की रचनाएँ
शरद की हवा शरद की हवा ये रंग लाती है, द्वार-द्वार, कुंज-कुंज गाती है। फूलों की गंध-गंध घाटी में बहक-बहक उठता अल्हड़ हिया हर लता… Read More »गिरधर गोपाल की रचनाएँ
अज़ मेहर ता-ब-ज़र्रा दिल-ओ-दिल है आइना अज़ मेहर ता-ब-ज़र्रा दिल-ओ-दिल है आइना तूती को शश जिहत से मुक़ाबिल है आइना अपना अहवाल-ए-दिल-ए-ज़ार कहूँ ये न… Read More »ग़ालिब की रचनाएँ
बस तेरे लिए उदास आँखें बस तेरे लिए उदास आँखें उफ़ मस्लहत ना-शनास आँखें बे-नूर हुई हैं धीरे धीरे आईं नहीं मुझ को रास आँखें… Read More »ग़ालिब अयाज़ की रचनाएँ
प्रिये तुम्हारी आँखों ने प्रिये तुम्हारी आँखों ने कल दिल का हर पन्ना खोला था दिल से दिल के संदेशे सब होठों से तुमने लौटाये… Read More »गरिमा सक्सेना की रचनाएँ
असहयोग कर दो असहयोग कर दो। असहयोग कर दो॥ कठिन है परीक्षा न रहने क़सर दो, न अन्याय के आगे तुम झुकने सर दो। गँवाओ… Read More »गयाप्रसाद शुक्ल ‘सनेही’ की रचनाएँ
सखी, हौं स्याम रंग रँगी सखी, हौं स्याम रंग रँगी। देखि बिकाइ गई वह मूरति, सूरति माहि पगी॥१॥ संग हुतो अपनो सपनो सो, सोइ रही… Read More »गदाधर भट्ट की रचनाएँ
दुनिया बनी तो हम्द-ओ-सना बन गई ग़ज़ल दुनिया बनी तो हम्द-ओ-सना बन गई ग़ज़ल उतरा जो नूर, नूर-ए-ख़ुदा बन गई ग़ज़ल गूँजा जो नाद ब्रह्म,… Read More »गणेश बिहारी ‘तर्ज़’ की रचनाएँ