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जमीलुर्रहमान

जमीलुर्रहमान की रचनाएँ

नजात दुखते हुए सीनों की ख़ुशबू के हाथों में उन जलते ख़्वाबों के लहराते कोड़े हैं जिन्हें वो इक गहनाए चाँद की नंगी कमर पे… Read More »जमीलुर्रहमान की रचनाएँ