ज़ाहिद अबरोल की रचनाएँ
हम्द हम्द[1] रोज़-ए-अज़ल[2] से रोज़-ए-अबद[3] तक इंसाँ की तक़दीर हो तुम हर तौक़ीर[4] तुम्हारी बख़्शिश[5] इल्म [6]की हर तहरीर[7] हो तुम सहराओं में पानी हर बूँद तुम्हारी ही ने’मत और दरिया… Read More »ज़ाहिद अबरोल की रचनाएँ
हम्द हम्द[1] रोज़-ए-अज़ल[2] से रोज़-ए-अबद[3] तक इंसाँ की तक़दीर हो तुम हर तौक़ीर[4] तुम्हारी बख़्शिश[5] इल्म [6]की हर तहरीर[7] हो तुम सहराओं में पानी हर बूँद तुम्हारी ही ने’मत और दरिया… Read More »ज़ाहिद अबरोल की रचनाएँ