जाँ निसार अख़्तर की रचनाएँ
उफ़ुक़ अगरचे पिघलता दिखाई पड़ता है उफ़ुक़ अगरचे पिघलता दिखाई पड़ता है मुझे तो दूर सवेरा दिखाई पड़ता है हमारे शहर में बे-चेहरा लोग बसते… Read More »जाँ निसार अख़्तर की रचनाएँ
उफ़ुक़ अगरचे पिघलता दिखाई पड़ता है उफ़ुक़ अगरचे पिघलता दिखाई पड़ता है मुझे तो दूर सवेरा दिखाई पड़ता है हमारे शहर में बे-चेहरा लोग बसते… Read More »जाँ निसार अख़्तर की रचनाएँ