जाबिर हुसेन की रचनाएँ
दीवार-ए-शब कारवाँ लुट गया क़ाफ़िले मुंतशिर हो गए तीरगी का धमाका हुआ और दीवार-ए-शब ढह गई सिर्फ़ सरगोशियाँ मेरी आँखों में अलफ़ाज़ की किरचियाँ भर… Read More »जाबिर हुसेन की रचनाएँ
दीवार-ए-शब कारवाँ लुट गया क़ाफ़िले मुंतशिर हो गए तीरगी का धमाका हुआ और दीवार-ए-शब ढह गई सिर्फ़ सरगोशियाँ मेरी आँखों में अलफ़ाज़ की किरचियाँ भर… Read More »जाबिर हुसेन की रचनाएँ