जितेन्द्रकुमार सिंह ‘संजय’की रचनाएँ
दिव्य सौन्दर्य की स्वामिनी शोभने! दिव्य सौन्दर्य की स्वामिनी शोभने! श्याम कुन्तल सजा एक लीला कमल। लाज की लालिमा से ढँके ये अधर चन्द्रमा-कर अमृतकुण्ड-से… Read More »जितेन्द्रकुमार सिंह ‘संजय’की रचनाएँ
दिव्य सौन्दर्य की स्वामिनी शोभने! दिव्य सौन्दर्य की स्वामिनी शोभने! श्याम कुन्तल सजा एक लीला कमल। लाज की लालिमा से ढँके ये अधर चन्द्रमा-कर अमृतकुण्ड-से… Read More »जितेन्द्रकुमार सिंह ‘संजय’की रचनाएँ