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ठाकुरदास सिद्ध की रचनाएँ

बात ठाकुर की गाँव ठाकुर का, कुआँ ठाकुर का घर जो अपना था, हुआ ठाकुर का सर कटाना हो तो उठा सर अपना सर सलामत,… Read More »ठाकुरदास सिद्ध की रचनाएँ

ठाकुर ज्ञानसिंह वर्मा की रचनाएँ

वतन के वास्ते वतन के वास्ते बस जान घुला देंगे हम, गले को शान से फांसी पे झुला देंगे हम। भीष्म-संतान हैं, कुत्तों की मरेंगे… Read More »ठाकुर ज्ञानसिंह वर्मा की रचनाएँ

ठाकुर गोपालशरण सिंह की रचनाएँ

वायुयान सुंदर, सजीला, चटकीला वायुयान एक, भैया, हरे कागज का आज मैं बनाऊँगा! चढ़ के उसी पे सैर नभ की करूँगा खूब, बादल के साथ-साथ… Read More »ठाकुर गोपालशरण सिंह की रचनाएँ

ठाकुरप्रसाद सिंह की रचनाएँ

पहली बूंद यह बादल की पहली बूँद कि यह वर्षा का पहला चुम्बनस्मृतियों के शीतल झोकों में झुककर काँप उठा मेरा मन। बरगद की गभीर… Read More »ठाकुरप्रसाद सिंह की रचनाएँ