फ़सीह अकमल
चश्म-ए-हैरत को तअल्लुक़ की फ़ज़ा तक ले गया चश्म-ए-हैरत को तअल्लुक़ की फ़ज़ा तक ले गया कोई ख्वाबों से मुझे दश्त-ए-बला तक ले गया टूटती… Read More »फ़सीह अकमल
चश्म-ए-हैरत को तअल्लुक़ की फ़ज़ा तक ले गया चश्म-ए-हैरत को तअल्लुक़ की फ़ज़ा तक ले गया कोई ख्वाबों से मुझे दश्त-ए-बला तक ले गया टूटती… Read More »फ़सीह अकमल