बहादुर शाह ज़फ़र की रचनाएँ
पसे-मर्ग मेरे मजार पर पसे-मर्ग मेरी मजार पर जो दिया किसी ने जला दिया । उसे आह! दामन-ए-बाद ने सरेशाम ही से बुझा दिया ।।… Read More »बहादुर शाह ज़फ़र की रचनाएँ
पसे-मर्ग मेरे मजार पर पसे-मर्ग मेरी मजार पर जो दिया किसी ने जला दिया । उसे आह! दामन-ए-बाद ने सरेशाम ही से बुझा दिया ।।… Read More »बहादुर शाह ज़फ़र की रचनाएँ