‘बाकर’ मेंहदी की रचनाएँ
अब ख़ानमाँ-ख़राब की मंज़िल यहाँ नहीं अब ख़ानमाँ-ख़राब की मंज़िल यहाँ नहीं कहने को आशियाँ है मगर आशियाँ नहीं इश्क़-ए-सितम-नवाज़ की दुनिया बदल गई… Read More »‘बाकर’ मेंहदी की रचनाएँ
अब ख़ानमाँ-ख़राब की मंज़िल यहाँ नहीं अब ख़ानमाँ-ख़राब की मंज़िल यहाँ नहीं कहने को आशियाँ है मगर आशियाँ नहीं इश्क़-ए-सितम-नवाज़ की दुनिया बदल गई… Read More »‘बाकर’ मेंहदी की रचनाएँ