मजरूह सुल्तानपुरी की रचनाएँ
मुझे सहल हो गईं मंज़िलें मुझे सहल हो गईं मंजिलें वो हवा के रुख भी बदल गये । तिरा हाथ हाथ में आ गया कि… Read More »मजरूह सुल्तानपुरी की रचनाएँ
मुझे सहल हो गईं मंज़िलें मुझे सहल हो गईं मंजिलें वो हवा के रुख भी बदल गये । तिरा हाथ हाथ में आ गया कि… Read More »मजरूह सुल्तानपुरी की रचनाएँ