रामावतार यादव ‘शक्र’की रचनाएँ
पंछी बोला -1- संध्या की उदास बेला, सूखे तरुपर पंछी बोला! आँखें खोलीं आज प्रथम, जग का वैभव लख भूला मन! सोचा उसने-”भर दूँ अपने… Read More »रामावतार यादव ‘शक्र’की रचनाएँ
पंछी बोला -1- संध्या की उदास बेला, सूखे तरुपर पंछी बोला! आँखें खोलीं आज प्रथम, जग का वैभव लख भूला मन! सोचा उसने-”भर दूँ अपने… Read More »रामावतार यादव ‘शक्र’की रचनाएँ