रघुविन्द्र यादव की रचनाएँ
रघुविन्द्र यादव के दोहे-1 नैतिकता ईमान से, वक़्त गया है रूठ। सनद माँगता सत्य से, कुर्सी चढ़ कर झूठ॥ लगते हैं सद्भाव को, अनगिन गहरे… Read More »रघुविन्द्र यादव की रचनाएँ
रघुविन्द्र यादव के दोहे-1 नैतिकता ईमान से, वक़्त गया है रूठ। सनद माँगता सत्य से, कुर्सी चढ़ कर झूठ॥ लगते हैं सद्भाव को, अनगिन गहरे… Read More »रघुविन्द्र यादव की रचनाएँ
पुराने अध्यापक अध्यापकों से हाथ मिलाते समय अनिश्चय-सा छा जाता है एकाएक हिल जाता है मन सिर ऊँचा नहीं हो पाता अपने बढ़ने के अहसास… Read More »रघुवंश मणि की रचनाएँ
चन्दन चौकी बिछा लई, लिया शील गर्म सा पाणी प. लख्मीचंद सांग करने हेतु एक बार गांव बधौली-उ.प. के स्कूल में गए हुए थे, जो… Read More »रघुनाथ शांडिल्य की रचनाएँ
याहि मत जानौ है सहज कहै रघुनाथ याहि मत जानौ है सहज कहै रघुनाथ, अति ही कठि न रीति निपट कुढँग की । याहि करि… Read More »रघुनाथ की रचनाएँ
ढम ढमा ढम डम-डमा डम-डम! खेलें-कूदें हम, डम-डमा डम-डम! ढोल बजाएँ हम, झम-झमा झम-झम! नाचें-कूदें हम, ढम-ढमा ढम-ढम! -प्रकाशन: शिशु, 1929
अगर अनार में वो रौशनी नहीं भरता अगर अनार में वो रौशनी नहीं भरता तो ख़ाक-सार दम-ए-आगही नहीं भरता ये भूक प्यास बहर-हाल मिट ही… Read More »रऊफ़ खैर की रचनाएँ
हर मौसम में ख़ाली-पन की मजबूरी हो जाओगे हर मौसम में ख़ाली-पन की मजबूरी हो जाओगे इतना उस को याद किया तो पत्थर भी हो… Read More »रउफ़ ‘रज़ा’ की रचनाएँ
हवा नमनाक होती जा रही है हवा नमनाक होती जा रही है हवेली ख़ाक होती जा रही है दरीचा खोलते ही थम गई है हवा… Read More »रईसुदीन रईस की रचनाएँ
और कुछ तेज़ चलीं अब के हवाएँ शायद और कुछ तेज़ चलीं अब के हवाएँ शायद घर बनाने की मिलीं हम को सज़ाएँ शायद भर… Read More »रईस सिद्दीक़ी की रचनाएँ