शंभूप्रसाद श्रीवास्तव की रचनाएँ
नाच बँदरिया डमक-डमक-डम, डम-डम-डम नाच बँदरिया छम-छम-छम! तेरा बंदर है शौकीन, पहने है कपड़े रंगीन, नेकटाई चश्मा, पतलून, घर है उसका देहरादून, नहीं किसी साहब… Read More »शंभूप्रसाद श्रीवास्तव की रचनाएँ
नाच बँदरिया डमक-डमक-डम, डम-डम-डम नाच बँदरिया छम-छम-छम! तेरा बंदर है शौकीन, पहने है कपड़े रंगीन, नेकटाई चश्मा, पतलून, घर है उसका देहरादून, नहीं किसी साहब… Read More »शंभूप्रसाद श्रीवास्तव की रचनाएँ