शकील बदायूँनी की रचनाएँ
सुब्ह का अफ़साना कहकर शाम से सुब्ह का अफ़साना कहकर शाम से खेलता हूं गर्दिशे-आय्याम[1]से उनकी याद उनकी तमन्ना, उनका ग़म कट रही है ज़िन्दगी… Read More »शकील बदायूँनी की रचनाएँ
सुब्ह का अफ़साना कहकर शाम से सुब्ह का अफ़साना कहकर शाम से खेलता हूं गर्दिशे-आय्याम[1]से उनकी याद उनकी तमन्ना, उनका ग़म कट रही है ज़िन्दगी… Read More »शकील बदायूँनी की रचनाएँ
अगर हमारे ही दिल मे ठिकाना चाहिए था अगर हमारे ही दिल मे ठिकाना चाहिए था तो फिर तुझे ज़रा पहले बताना चाहिए था चलो… Read More »शकील जमाली की रचनाएँ
बात से बात की गहराई चली जाती है बात से बात की गहराई चली जाती है झूठ आ जाए तो सच्चाई चली जाती है रात… Read More »शकील आज़मी की रचनाएँ
रोता है इस अँधेरे में इक रोशनियों का शहर रोता है इस अँधेरे में इक रोशनियों का शहर जहाँ धुप नहीं उगती जहाँ शाम नहीं… Read More »शक्ति बारैठ की रचनाएँ
मैना की शादी अमराई तो खूब सजी है मैना की है शादी, इसीलिए तो बगिया-बगिया कोयल करे मुनादी। पड़की, सुग्गा, श्यामा, बुलबुल इक से एक… Read More »शंभूलाल शर्मा ‘बसंत की रचनाएँ
नाच बँदरिया डमक-डमक-डम, डम-डम-डम नाच बँदरिया छम-छम-छम! तेरा बंदर है शौकीन, पहने है कपड़े रंगीन, नेकटाई चश्मा, पतलून, घर है उसका देहरादून, नहीं किसी साहब… Read More »शंभूप्रसाद श्रीवास्तव की रचनाएँ
फूल और शूल एक दिन जो बाग में जाना हुआ,दूर से ही महकती आई हवा!खिल रहे थे फूल रँगा-रंग के-केसरी थे और गुलाबी थे कहीं,चंपई… Read More »शंभूनाथ शेष की रचनाएँ
समय की शिला पर समय की शिला पर मधुर चित्र कितने किसी ने बनाए, किसी ने मिटाए। किसी ने लिखी आँसुओं से कहानी किसी ने… Read More »शंभुनाथ सिंह की रचनाएँ
उलझे धागों को सुलझाना मुश्किल है उलझे धागों को सुलझाना मुश्किल है नफरतवाली आग बुझाना मुश्किल है जिनकी बुनियादें खुदग़र्ज़ी पर होंगी ऐसे रिश्तों का… Read More »शंभुनाथ तिवारीकी रचनाएँ
सड़क कोई कहीं गया था जिस दिन, जन्म लिया था मैंने उस दिन अब भी जहाँ कहीं जो जाता, मुझको अपना साथी पाता! बाजारों में… Read More »शंभुदयाल सक्सेना की रचनाएँ