सय्यद ज़मीर जाफ़री की रचनाएँ
अगर हम दश्त-ए-जुनूँ में न ग़ज़ल-ख़्वाँ होते अगर हम दश्त-ए-जुनूँ में न ग़ज़ल-ख़्वाँ होते शहर होते भी तो आवाज़ के ज़िंदाँ होते ज़िंदगी तेरे तक़ाज़े… Read More »सय्यद ज़मीर जाफ़री की रचनाएँ
अगर हम दश्त-ए-जुनूँ में न ग़ज़ल-ख़्वाँ होते अगर हम दश्त-ए-जुनूँ में न ग़ज़ल-ख़्वाँ होते शहर होते भी तो आवाज़ के ज़िंदाँ होते ज़िंदगी तेरे तक़ाज़े… Read More »सय्यद ज़मीर जाफ़री की रचनाएँ