सुदर्शन फ़ाकिर की रचनाएँ
मशहूर शेर १ ग़म बढे़ आते हैं क़ातिल की निगाहों की तरह तुम छिपा लो मुझे, ऐ दोस्त, गुनाहों की तरह २ जब भी तन्हाई… Read More »सुदर्शन फ़ाकिर की रचनाएँ
मशहूर शेर १ ग़म बढे़ आते हैं क़ातिल की निगाहों की तरह तुम छिपा लो मुझे, ऐ दोस्त, गुनाहों की तरह २ जब भी तन्हाई… Read More »सुदर्शन फ़ाकिर की रचनाएँ