हरीसिंह पाल की रचनाएँ
धरती छोटी है न थककर बैठ, यह धरती तुझसे छोटी है। कोई ऐसा नहीं थका दे, तेरे थके बिना सब कुछ है तेरे हाथों में,… Read More »हरीसिंह पाल की रचनाएँ
धरती छोटी है न थककर बैठ, यह धरती तुझसे छोटी है। कोई ऐसा नहीं थका दे, तेरे थके बिना सब कुछ है तेरे हाथों में,… Read More »हरीसिंह पाल की रचनाएँ
लाठी लाठियाँ बजाने पर भी कविता होनी चाहिए कहाँ-कहाँ बजी लाठी किस-किस पर बजी देश भर में बजी ग़रीब-ग़ुरबों पर बजती आई है ग़रीब -ग़ुरबों… Read More »हरिओम राजोरिया की रचनाएँ
तबीयत में न जाने ख़ाम बढ़ाता है तमन्ना आदमी आहिस्ता आहिस्ता गुज़र जाती है सारी ज़िंदगी आहिस्ता आहिस्ता अज़ल से सिलसिला ऐसा है गुंचे फूल… Read More »हंसराज ‘रहबर’ की रचनाएँ
कविता संग्रह भूमिकाएँ खत्म नहीं होतीं एक दिन में दन्त्य ‘स’ को दाँतों का सहारा जितने सघन होते दाँत उतना ही साफ़ उच्चरित होगा ‘स’… Read More »हरीशचन्द्र पाण्डे की रचनाएँ
भोर का तारा.. रात की पूछापेखी के बाद नीले घोड़े पर सवार रोज़ मेरा द्वार खटखटाता है भोर का तारा गाँव के निकट बहती नदी… Read More »हुकम ठाकुर की रचनाएँ
Paragraph काला धन मै अदना सा कलमकार हूँ घायल मन की आशा कामुझको कोई ज्ञान नहीं है छंदों की परिभाषा काजो यथार्थ में दीख रहा… Read More »हरिओम पंवार की रचनाएँ
पानी में पौर अगन नाचे सावन चहुँ ओर सघन नाचे चंचल मनमोर मगन नाचे। सन-सन की बीन बजे मेघों का मांदर झम-झम की झांझ और… Read More »हंसकुमार तिवारी की रचनाएँ
अछूत की शिकायत हमनी के राति दिन दुखवा भोगत बानी हमनी के साहेब से मिनती सुनाइबि। हमनी के दुख भगवानओं न देखता ते, हमनी के… Read More »हीरा डोम की रचनाएँ
ओ माँ वंदन को स्वीकारो पूजन को स्वीकारो अक्षर-अक्षर शब्द ब्रह्म है वीणापाणी रूप रम्य है वाणी में नव रूप उभारो वन्दन को स्वीकारो। धवल… Read More »हरीश प्रधान की रचनाएँ
सूरज लगे आग का गोला सूरज लगे आग का गोला चंदा लगे कटोरी, सूरज किरनें पीला सोना लगे चाँदनी गोरी। बड़ा अनोखा इंद्रधनुष है सतरंगा… Read More »हरि मृदुल की रचनाएँ